खुशिया इस जहाँ की खुदा आप पर निसार दे भूल जाओ हर गम कोई इतना प्यार दे झुक जाये आपके कदमो में ये दुनिया सारी खुदा आपको वो प्यारा से मुकाम दे आपका दोस्त अमानुल्लाह खान
हस कर जीना दस्तूर है ज़िन्दगी का
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िन्दगी का
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते दोस्त
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िन्दगी का
अप्प का दोस्त मानुल्लाह खान
दुनिया में आने वाले भी कम ना होंगे
दुनिया से जाने वाले भी कम ना होंगे
सूनी रह जाएगी आपकी महफ़िल
जब आपकी महफ़िल में हम ना होंगे
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
हर दुआ में आप की ख़ुशी मांगी है
आपके लिए सितारों से रौशनी मांगी है
ना हो जिस ज़िन्दगी में कोई भी गम
खुदा से आपके लिए वो ज़िन्दगी मांगी है
आप का dost अमानुल्लाह खान
निगाहों से कर दो चिरागों को रोशन
बहुत दूर तक यह हसीं रात होगी
मुसाफिर हो आप भी , मुसाफिर है हम भी
तो जरुर एक दिन फिर मुलाकात होगी
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
कोई- कोई शख्स इतना खास होता है नजरो से दूर पर यादो में पास होता है कभी कभी ही आता है पैगाम उनका पर हर पैगाम अपनेपन का एहसास होता है
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
रविवार, 7 मार्च 2010
तुजे पर
तुजे पर
जलते दिल में अगर नूर न होता तो हमारा दिल इतना मजबूर न होता हम आपको खुद आई लव यू कहने आते अगर आप का घर इतना दूर न होता आप का दोस्त अमानुल्लाह खान