सुहाना मोसम था और हवा में नमी थी
आसू की बहती नदी अभी -अभी थमी थी
मिलना तो हम भी चाहते थे पर
उनके पास वक़्त और हमारे पास सांसो की कमी थी
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
मेरे दिल से सदा तेरे खुश रहने की दुआ आये
तू जहाँ भी रहे सारी खुशिया पाए
अगर मेरी याद तुझे कभी रुलाये
तो रब करे तुझे मेरी याद कभी ना आये