बुधवार, 21 जुलाई 2010



सुहाना मोसम था और हवा में नमी थी


आसू की बहती नदी अभी -अभी थमी थी


मिलना तो हम भी चाहते थे पर


उनके पास वक़्त और हमारे पास सांसो की कमी थी


आप का दोस्त अमानुल्लाह खान

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