शनिवार, 24 अप्रैल 2010

हम तो हर बात खुदा पर छोड़ देते है

टूटे ना दिल किसी का अपना दिल तोड़ देते है

हम भी इंसान है खुदा तो नहीं

फिर क्यों लोग हर तूफान हमारी और मोड़ देते है

आप का दोस्त अमानुल्लाह खान


यादो ने पास आकर कुछ ऐसा गुनगुना दिया

जेसे किसी ने भुला हुआ वो फ़साना सुना दिया

जाने क्या बात थी उस गुज़रे फ़साने में

की आंखे रोई और दिल मुस्कुरा दिया

आप का दोस्त अमानुल्लाह khan

रीत है कैसी ये ज़माने की

जो सजा मिलिती है यहाँ दिल लगाने की

ना बिठाना किसी को दिल में इतना की

phir दुआ मंगनी पड़े भुलाने की

आप का दोस्त अमानुल्लाह khan

रविवार, 18 अप्रैल 2010

अगर आपकी दुनिया आसमान है

तो दोस्त आपके सितारे होंगे

उन सितारों में हमें ना dhundhana kyuki

आपकी tamanna puri karne wale hum tutate taare होंगे

आपका दोस्त अमानुल्लाह khan



आसमान में टुटा जो एक तारा


उसे देख कर हमने रब को पुकारा


रखे सलामत वो आप को हमेशा


दूर ही सही पर कभी ना टूटे ये रिश्ता हमारा


आपका दोस्त अमानुल्लाह khan


तुम उदास उदास से लगते हो

कोई तरकीब बताओ मुस्कुराने की

में जिंदगी गिरवी रख सकता हु

तुम कीमत बताओ मुस्कुराने की

आप का दोस्त अमानुल्लाह khan

शनिवार, 17 अप्रैल 2010



ज़िन्दगी है नादान इसलिए चुप हूँ


दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ


कह्दु ज़माने से दास्तान अपनी


उसमे आएगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ


आप का दोस्त अमानुल्लाह खान






काश हम जिसे चाहते है उनसे मुलाकात हो जाये



जुबा से ना सही आँखों से बात हो जाये



उनका हाथ हो मेरे हाथ में



और हलकी सी बरसात हो जाये


मत पुछु के कितना तुझे याद करते है

इतना के हर सांस तेरे नाम के बाद लेते है

कभी आओ तुम हमारे सामने

बस खुदा से फरियाद करते है

आप का दोस्त अमानुल्लाह खान



साँस बनकर साथ निभाएंगे


कोशिश रहेगी की आपको नहीं सताएँगे


कभी पसंद ना ए साथ अगर बता देना


महसूस भी ना कर पाओगे इतना दूर चले जायेंगे


आप का दोस्त अमानुल्लाह khan

शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010


हर सुबह तेरी दुनिया में रौशनी कर दे

रब तेरे गम को तेरी ख़ुशी कर दे

जब भी टूटने लगे तेरी सांसे

खुदा तुजमे शामिल मेरी जिंदगी कर दे

आप का दोस्त अमानुल्लाह khan

कोई बिछड़ा हुआ शख्स आज बहुत याद आया

एक गुज़रा हुआ वक़्त आज बहुत याद आया

छुपा लेता था जो मेरे दर्द को अपने सीने में

आज फिर दर्द हुआ तो वो बहुत याद आया

आप का दोस्त अमानुल्लाह खान

वो करेंगे याद एक दिन प्यार के जमाने को

जब हम चले जायगे वापस कभी ना आने को

करेगे महफ़िल में जब भी कोई ज़िक्र मेरा तो

वो भी तन्हाई दुदेगे आंसू भने ko
दिल से दिल की दूरी नहीं होती
काश कोई मज़बूरी नहीं होती
आपसे मिलने की तमन्ना है
लेकिन कहते है ना की हर तमन्ना पूरी नहीं होती





क्यों दीवाना हँसता है रोने के बाद


जीना फिर भी पड़ता है सब कुछ खोने के बाद


सोचा सभी को आज अपना सलाम भेज दूँ


शायद फिर मेरी सुबह ना आये आज सोने के बाद


आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
































हर कोई प्यार के लिए तरसता है


हर कोई प्यार के लिए रोता है


अ दोस्त ये दोस्ती सदा कायम रखना


क्युकी प्यार तो सबसे ज्यादा दोस्ती में ही होता है

















a

मंजिल भी नहीं ठिकाना भी नहीं
वापस मुझे उनके पास जाना भी नहीं
maine hi sikhaya tha unhe teek chlana
ab mere siva unka कोई nishana नहीं

हमसे कोई गिला हो जाये तो माफ़ करना

याद ना कर पाए तो माफ़ करना

दिल se तो हम kabhi aapko bhulte नहीं

पर ये dhadkan hi ruk जाये तो माफ़ करना

आप ka dost amanullah khan

हमसे कोई गिला हो जाये तो माफ़ करना

याद ना कर पाए तो माफ़ करना

दिल se तो हम kabhi aapko bhulte नहीं

पर ये dhadkan hi ruk जाये तो माफ़ करना

आप ka dost amanullah khan



खामोश रात के पहलु में सितारे नहीं होते


इन जुखी आखों में रंगीन नज़ारे नहीं होते


हम भी ना करते परवाह


अगर आप इतने प्यारे ना होते

हम अगर आप se mil नहीं pate

मतलब ये नहीं की आप याद नहीं आते

माना की सब रिश्ते निभाए नहीं जाते

पर जो दिल में बस जाते है भुलाये नहीं जाते

गुरुवार, 15 अप्रैल 2010

आपकी जुदाई में दिल बेकरार करो

आप हुकम करो दो तो आपका इंतजार करो

वफ़ा करते हो तो इस कदर करो

के आपके बाद किसी और से प्यार ना करो

दिल की दुनिया से पैगाम भेजते है

प्यार और विश्वास का सलाम भेजते है

और क्या भेजे हम आपको

हरपाल खुशिया मिले ये अरमान भेजते है

dosti

दोस्ती में हर वक़्त ajmaish hoti hai
is dil में milne ki khwaish hoti hai
aapko hum yaad nahi karenge kyonki
yaad wo aate hai jinhe bhulne ki gunjaish hoti है

तुम जाम टूटने का बहाना ना करो

हम तुम्हारी आँखों से ही पी लेंगे

तुम ना आओ बस आने का वादा करो

कसम है हमें तुम्हारी तुम्हारे इंतज़ार में ही जी लेंगे

बुधवार, 14 अप्रैल 2010

याद करो ना करो हम गिला नहीं करते
virane में फूल खिला नहीं करते
magar itna याद rakhna
jo aapko दिल se chahte hai ase dost sabhi ko mila नहीं करते

मंगलवार, 13 अप्रैल 2010

यूँ तो महफिलें कभी उदास नहीं होती
प्यार की मंजिलें इतनी पास नहीं होती
पर होता है कभी कभी ऐसा भी ज़िन्दगी में
मिल जाते है वो जिनकी कभी आस नहीं होती

तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है

एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है

पहले नहीं था सोचा पर अब सोचने लगे हम

ज़िन्दगी में तेरी ज़रूरत सी लगती है

दिल की बात जनता नहीं कोई

कहना इन आँखों का मानता नहीं कोई

हम तो जान भी अपनी लुटा दे खुसी से

पर अहमियत इस जान की जनता नहीं कोई

जिंदिगी में बहुत बार वक़्त ऐसा आएगा

जब आप को सबसे ज्यादा चाहने वाला ही आको रुलाएगा

मगर रकना यकीन उस पर क्योकि

अकेले में वोह आपसे ज्यादा आंसू बहेगा

जिंदगी में फिर मिलेंगे हम कही

देख कर नज़रे ना चुरा लेना

तुझे देखा है यार कही

बस इतना कह कर गले से लगा लेना

अपनापन दिखा कर जुदा ना होना

बिना सोचे समझे कभी खफा ना होना

दुनिया में फिर किसको अपना कहेंगे

आप भी अब की तरेह बेवफा ना होना

हमने मिटा दिया जहा भी लिखा नाम तेरा
अपने दिल से मिटाना भूल गए
तुम जुदा हुए हमसे मुस्कराते हुए
पर पलकों से आंसू हटाना भूल गए

मुझे सुलाने की खातिर जब रात आती है।

मै सो नहीं पाता रात खुद सो जाती है ।

पूछने पर दिल से ये आवाज़ आती है।

आज उन्हें याद कर ले रात तो रोज़ आती है।

हम नजरो से दूर है आखों से नहीं।
हम ख्वाबो से दूर है ख्यालो से नहीं।
हम दिल से दूर है धड़कन से नहीं।
हम आप से दूर है आपकी यादो से नहीं।

साथ रहते रहते यूँ ही वक्त गुजर जायगा

दूर होने के बाद कौन किसके याद आएगा।

जीलो ये पल जब ख़ुशी के साथ

कल का क्या pata vakt kisko sath le jayega.









































































































































































सोमवार, 12 अप्रैल 2010

भुलाना तुम्हे ना आसन होगा

जो भूले तुम्हे वोह नादान होगा

तुम तो बसे हो रूह में हमारी

बस हमें भूलना ना एहसान होगा