शनिवार, 17 अप्रैल 2010


मत पुछु के कितना तुझे याद करते है

इतना के हर सांस तेरे नाम के बाद लेते है

कभी आओ तुम हमारे सामने

बस खुदा से फरियाद करते है

आप का दोस्त अमानुल्लाह खान

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