शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010



खामोश रात के पहलु में सितारे नहीं होते


इन जुखी आखों में रंगीन नज़ारे नहीं होते


हम भी ना करते परवाह


अगर आप इतने प्यारे ना होते

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