शीशा -इ-दिल आखिर तोडना पड़ा हमे
रुख उनसे मोड़ना पड़ा हमे
इतनी मोहब्बत की उनसे क्या बताये यारो
उनकी ख़ुशी की खातिर उन्ही को छोड़ना पड़ा हमे
आप का दोस्त फोटो जर्नलिस्ट अमानुल्लाह खान
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