इन बहते आंसुओं से अकीदत है मुझे भी
तेरी तरह ही खुद से शिकायत है मुझे भी
तू अगर नाज़ुक हो तो मै भी पत्थर नही
तन्हाई में रोने की आदत है मुझे भी
आप का दोस्त फोटो जर्नलिस्ट अमानुल्लाह खान
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