उतरे जो जिंदगी तेरी गहराइयों में हम
महफ़िल में रहकर भी रहे तनहइयो में हम
दीवानगी नही तो और क्या कहे
इंसान ढूँढ़ते रहे पर्छयिओं में हम
आप का दोस्त फोटो जर्नलिस्ट अमानुल्लाह खान
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