आंखे तरस कर रो पड़ी न उनका कोई पैगाम आया
चले गये हमे अकेला छोड़ के ये कैसा मुकाम आया
मेरी तन्हाई मुस्कराई मुझपे और बोली
बता मेरे सिवकों तेरे काम आया
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