कब मैंने कहा की चांदी और सोना चाहिए बस आप के दिल में एक छोटा सा कोना चाहिए कहा सके जिसे हम दिल से अपना ऐसा भी तो कोई अपना होना चाहिए आप का दोस्त अमानुल्लाह khan
रविवार, 16 मई 2010
मुलाकात भी कभी आसू दे जाती है
नज़रे भी कभी धोका दे जाती है
गुज़रे हुए लम्हों कोयाद करके देखिये
तन्हाई भी कभी सुकून दे जाती है
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
हम गम छुपा के मुस्कुराते गए
वो हद्द से ज्यादा सताते गए
मेरी आँखों से घटा बरसती गयी
और वोह सावन समाज के नहाते गए
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
ज़रा सी ज़िन्दगी है अरमान बहुत है
हमदर्द नहीं कोई पर इंसान बहुत है
दिल का दर्द सुनाये किसको
जो शख्स दिल के करीब है वो अंजन बहुत है
आप का दोस्त अमानुल्लाह khan
शुक्रवार, 14 मई 2010
दिल ऐ नादान आज उदास बहुत था
कोई दूर होते हुए भी पास बहुत था
यु तो लोगो के लगे हुए थे मिले
फिर भी तेरी कमी का एहसास बहुत था
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
तू बहुत याद आई हर शाम के बाद
कभी आगाज़ कभी अंजाम के बाद
इस उगते होवे सूरज की कसम
इस दिल पे कोई नाम नहीं लिखा तेरे नाम के बाद
एक परिंदे का दर्द भरा फ़साना था
टूटे थे पंख और उड़ते हुए जाना था
तूफान तो झेल गया पर हुआ एक अफ़सोस
वही डाल टूटी जिस पर उसका आशियाना था
वो यूँ ही हमसे रूठ गए
सारे अरमान मेरे टूट गए
फासले कुछ ऐसे किये उन्होंने
की वो पत्थर बनकर जीने लगे
और हम शीशा बनकर टूट गए
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
मेरे कतल का इरादा हो तो खंजर से वर ना करना
मेरे मरने के लिए काफी है तेरा मुझसे रूठ जाना
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
हम गम की रात खयालो में कट देते है
मिले जो दिन उजालो में बाँट देते है
हम दर्द ऐ दिल को बहुत अज़ीज़ रखते है
मिले जो ख़ुशी ज़माने में बाँट देते है
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
नफरते लाख मिली मोहब्बत ना मिली
ज़िन्दगी बीत गई पर रहत ना मिली
उनकी महफ़िल में हर शख्स को हस्ते देखा
एक हम ही थे जिसे हसने की इजाजत ना मिली
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
एक लम्हा एक मंजर गुजर जाता है
जब अपना कोई बेगाना नजर आता है
यूँ तो आवाज़ आती अहि हर शीशे के टूटने की
पर कभी बिन आवाज़ के सब कुछ टूट जाता है
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
कभी खफा ना होना हम से
पाता नहीं जिन्दगी कब तक साथ निभाएगी
अगर आप भी हम से रूठ जाओगे
तो मिट ज़िन्दगी से पहले आ जाएगी
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
कभी ज़िन्दगी में किसी के लिए मत रोना
क्यू की वो तुम्हारे आंसुओ के काबली नहीं होगा
और वो जो काबिल होगा वो तुम्हे कभी रोने नहीं देगा
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
मेरी एक भूल ही मेरी खता बन गयी
मेरी वफाये ही मेरी सजा बन गयी
दिल लिया और खेलकर दिल को तोड़ दिया ।
हमारी तो जान गयी और उनकी ये अदा बन गयी
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
हस्ती मिट जाती है आशियाना बनाने में
बहुत मुस्किल होती है अपनों को समझाने में
एक पल में हमको भुला ना देना
ज़िन्दगी लग जाती है किसी को अपना बनाने में
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
खुल के दिल से मिलो तो सजा देते है लोग
सच्चे जज्बात भी ठुकरा देते है लोग
क्यों देखेंगे दो इंसानों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते है लोग
आप का द०स्त अमानुल्लाह खान
रात नहीं ख्वाब बदलता है
मंजिल नहीं कारवा बदलता है
जज्बा रखो हर दम जितने का
क्यू की किस्मत चाहे बदले ना बदले पर वक़्त जरुर बदलता है