वक़्त ने हमें चुप रहना सिखा दिया
हालत ने सब कुछ सहना सिखा दिया
अब किसी से कोई आस नहीं जिंदगी को
तनहइयो ने हमें अकेले जीना सिखा दिया
आप दोस्त अमानुल्लाह खान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें