एक फ़रिश्ता मिला जो जीना सिखा गया
आसुओ की नमी को पीना सिखा गया
कभी गुजारी थी वीरानो में ज़िन्दगी अपनी
वो फ़रिश्ता वीरानो में भी महफ़िल सजा गया
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