देखो मेरी आँखों में खवाब किसके है
दिल में मेरे सुलाखते तूफ़ान किसके है
नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रस्ते से हो कर
फिर ये कदमो के निशाँ किसके है
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
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