ये छोटी सी इबादत एक बड़ा सिला देगी
गुलाब की तरह आपका चेहरा खिला देगी
मत भूलना कभी मेरी यादो को
क्यू की मेरी याद ही कभी ना कभी आपको हँसा देगी
आप का दोस्त अमानुल्लाह खान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें